Residentes Protest in Rajasthan
राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट्स डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है।
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप सी हो गई है। ओपीडी, आईपीडी , लेबर रूम में इस हड़ताल का असर देखा जा सकता है।
मरीजों की लगी लंबी कतार
मरीज अस्पताल में इलाज के लिए लंबी लंबी कतार लगाकर खड़े है , इन्हें अस्पताल में दाखिला नहीं मिल रहा है।
कल जयपुर , अजमेर व अन्य अस्पतालों में यह भयावह नजारा देखने को मिला।
हजारों ऑपरेशन टले
अकेले जयपुर के जेके लोन , एसएमएस , कांवटिया , गणगौरी अस्पताल में 600 ऑपरेशन टाले गए ।
ओपीडी 40 % , आईपीडी 70% , कम रही। गंभीर 50 मरीजों को भर्ती तक नहीं किया गया। प्रदेश भर में एक हजार से अधिक ऑपरेशन टाले गए है ।
रेजिडेंट्स हड़ताल पर क्यों गए
स्टाइपेंड भत्ते और अन्य वेतन सुविधाएं बढ़ाने के लिए डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे है । वो अपने फायदे में लोगों के दर्द को भूल गए है ।
गरीब जनता जिनका इलाज सरकारी अस्पतालों के भरोसे होता है , उनमें त्राहिमाम मच गया है।
यह पिछले दस माह में पांचवी हड़ताल है । बार बार हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।
पहली बार सीनियर्स ने कार्यवाही के लिए लिखा पत्र
पहली बार सीनियर डॉक्टर्स ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को हड़ताली डॉक्टर्स के खिलाफ कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है ।
सीनियर डॉक्टर्स का कहना है कि इस प्रकार बार बार हड़ताल करने से प्रदेश भर में माहौल खराब हो रहा है। लोगो को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अजमेर में सेना ने संभाला मोर्चा
अजमेर में आज सेना के डॉक्टर्स को मदद के लिए बुलाया गया है । सेना के डॉक्टर्स को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश मिले है ।
हड़ताल के बीच किसी भी अनहोनी से बचने के लिए एहतियातन इन डॉक्टर्स की मदद ली जा रही है। सेना ने कहा है कि वे किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे तैयार है । सेना अधिकारी ने बताया कि वो इस मामले में पूरी मदद करेंगे।
प्रदेश में अन्य जगह भी ऐसे की हालात
जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में भी न्यू आउटडोर रोगियों से भरा हुआ है। सीनियर डॉक्टर्स को दिखाने में एक मरीज को तकरीबन 4 से 6 घंटों का समय लग रहा है।
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Team Bbnews29: Click Here