Operation Sagar Manthan for Drugs Racket in Indian maritime
नई दिल्ली , 18 नवंबर
हाजी सलीम उर्फ हाजी बलोच , यह नाम और चेहरा भारत सहित कई देशों के लिए सिरदर्द बन गया है . इस अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स खिलाड़ी की भारत सहित मलेशिया , ईरान , अफगानिस्तान , श्रीलंका , मॉरीशस , अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे देशों की जांच एजेंसियों को तलाश है ।
जांच एजेंसियों के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं
हैरानी की बात यह है कि इस ड्रग्स खिलाड़ी को पिछले कई सालों से किसी ने नहीं देखा है । जांच एजेंसियों के पास एक कई वर्षों पुरानी फोटो के अलावा कुछ भी नहीं है ।
एजेंसियों को केवल इतना पता है कि यह पाकिस्तान के कराची में दाऊद इब्राहिम के नजदीकी है । और उसी के इशारों पर पैसों हेतु ड्रग्स का एक अंतर्राष्ट्रीय रैकेट चला रहा है।
जांच एजेंसियों को शक है कि हाजी सलीम और दाऊद के बीच काफी गहरे कनेक्शन है . इतना ही नहीं एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह की माने तो पाकिस्तान इसी हाजी के मार्फत भारत के खिलाफ लगातार साजिश करता रहता है ।
आज तक किसी ने नहीं देखा हाजी सलीम को
एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबित पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने हाजी सलीम को सेटेलाइट फोन भी मुहैया करा रखा है जिसके जरिए वो समुद्र में कंसाइनमेंट के साथ मौजूद अपने गुर्गों के संपर्क में रहता है . हाजी सलीम अपने कंसाइनमेंट को एक देश से दूसरे देश भेजने के लिए बलूचिस्तान के गरीब और बेरोजगार नौजवानों का इस्तेमाल करता है. उन्होंने भी हाजी को कभी अपनी आंखों से नहीं देखा है ।
2015 में पहली बार आया था हाजी का नाम
पहली बार हाजी सलीम का नाम साल 2015 में सामने आया था , जब इसका करोड़ो का कंसाइनमेंट केरल के पास समुद्र में पकड़ा गया था। NCB के सूत्रों की माने तो पिछले ढाई साल में हाजी सलीम से जुड़ी 40 हजार करोड़ की ड्रग्स भारतीय समुद्री सीमा में पकड़ी जा चुकी है । लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतना नुकसान झेलने के बावजूद हाजी सलीम रुकने का नाम नहीं ले रहा ओर ड्रग्स रैकेट लगातार संचालित कर रहा है ।
शायद ISI के इशारे पर नार्को टेररिज्म को दे रहा अंजाम
भारतीय खुफिया एजेंसियों की माने तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का हाजी सलीम पर पूरा हाथ है । ISI के इशारों पर ही हाजी भारत में नार्को आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है ।
क्या होता है नार्को टेररिज्म
यह आतंकवाद का ही पर्यायवाची है जिसमें मादक पदार्थों के माध्यम से किसी देश की सम्पूर्ण नस्ल को नशीले पदार्थों का आदि बनाना होता है ।
लगातार सस्ती ड्रग्स सप्लाई करके हर हिंदुस्तानी को नशेड़ी बना दो ताकि जरूरत के समय वह देश के काम नहीं आ सके । इसी एजेंडे के कारण तो हजारों करोड़ का नुकसान हो जाने के बावजूद हाजी सलीम लगातार ड्रग्स को समुद्री रास्ते से भारत भेज रहा है ।
अब शुरू होगा ऑपरेशन सागर मंथन
अब हिंदुस्तान ने हाजी सलीम की जड़ों को काटने की तैयारी शुरू कर दी है। गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर NCB यानि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ऑपरेशन सागर मंथन शुरू करने का ऐलान कर दिया है।
इसी ऑपरेशन के तहत चार हजार किलो ड्रग्स पकड़ी जा चुकी है . बरामद ड्रग्स के तार पाकिस्तानी ड्रग्स किंग हाजी सलीम से जुड़े है ।
ड्रग्स के साथ 14 पाकिस्तानी नागरिक भी पकड़े जा चुके है ।
समुद्र के रास्ते कैसे होती है तस्करी
हाजी सलीम अपना संपूर्ण ड्रग समुद्र के रास्ते ही दूसरे देशों के भेजता है , वो भी एक खास निशानी के साथ । हाजी सलीम के कंसाइनमेंट की पहचान है 777 , 555 , 999 , उड़ते घोड़े ओर बिच्छू . अर्थात् जिन पैकेट पर ये निशान छपे मिले है वो हाजी सलीम का ही माल है । ड्रग्स से लदे मदरशिप हिंदुस्तान की समुद्री लाइन के पास स्टेशन हो जाते है , जहां से उन्हें रात के अंधेरे में छोटी छोटी बोट के जरिए पोर्ट तक लाया जाता है ।
ऑपरेशन सागर मंथन के तहत 15 नवंबर को पकड़ी बड़ी खेप
एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबित एक पुख्ता सूचना मिली थी कि एक बिना रजिस्टर वाला जहाज जिसमें AIS ( autimatic identification system ) भी नहीं था , भारतीय समुद्री सीमा में नशीले पदार्थों की खेप लेकर आने वाला है । इसी इनपुट के आधार पर “सागर मंथन _ 4 ” नाम से अभियान चलाया । नौसेना ने अपने समुद्री सर्च के जरिए इस जहाज को पकड़ा । यह घटना 15 नवंबर की है ।
ऑपरेशन के बाद विदेशी नारकोटिक्स एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है ताकि इस ड्रग सिंडिकेट के पीछे और आगे के लिंक का पता लगाया जा सके ।
इस ऑपरेशन में 3400 किलो नशीले पदार्थ जब्त किए थे । इस कार्यवाही में 11 ईरानी और 14 पाकिस्तानी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है ।
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