Mass level scam in Jal Jivan Mission
जयपुर , 9 नवंबर
राजस्थान में जब से नई सरकार का गठन हुआ था तब से एक महान घोटाले की चर्चा हो रही थी ।
आखिरकार उस घोटाले का पर्दाफाश हो ही गया । जल जीवन मिशन में राजस्थान सरकार के अधिकारियों और पूर्ववर्ती सरकार के मंत्रियों ने मिल कर महा घोटाले को अंजाम दे दिया।
यह घोटाला करीब 900 करोड़ का हुआ था ।
पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत 22 के खिलाफ FIR
एसीबी ने 900 करोड़ के घोटाले में महेश जोशी समेत 22 लोगों को आरोपी बनाया है।
एसीबी ने किस आधार पर पूर्व मंत्री को आरोपी बनाया है , आज हम उसी बात का विश्लेषण करेंगे।
खबर के अनुसार जयपुर की दो ट्यूबवेल कंपनियों को करोड़ों रुपयों का टेंडर देने में पीएचईडी मंत्री समेत तत्कालीन अधिकारियों तक का कनेक्शन था।
पूरे टेंडर की 4% राशि का कमीशन कंपनी ने एडवांस भुगतान कर दिया था जिसे मंत्री और अधिकारियों ने आपस में अपना अपना हिस्सा बांट लिया था।
किस योजना में हुआ घोटाला
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन में यह घोटाला सामने आया है ।
श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मेसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदम चंद जैन और महेश मित्तल ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर यह टेंडर हासिल किया था ।
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के बारे में अधिकारियों और मंत्री को पता था तथा 4% राशि की रिश्वत फ़िक्स करके इन्हीं दो कंपनियों को टेंडर दिया गया ।
एसीबी कर रही है जांच
सरकार ने यह जांच एसीबी को दे रखी है और एसीबी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जब्त कर संबंधित कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही शुरू कर दी है ।
एसीबी ने पूर्व मंत्री समेत 22 लोगों को इस मामले में नामजद आरोपी बनाकर जांच शुरू की ।
एसीबी ने अधिकारियों के ठिकानों पर दबिश देकर संदिग्ध चीजों को खंगाला और उन्हें जब्त किया ।
महेश जोशी के ठिकानों पर भी दबिश दी गई । पर मंत्री के वहां कुछ भी नहीं मिला
कार्यवाही जारी
एसीबी की कार्यवाही अभी तक जारी है । कुछ लोगों की एसीबी ने गिरफ्तारी भी कर ली है ।
पूर्व मंत्री अब एसीबी के रडार पर है , कभी भी उनकी गिरफ्तारी हो सकती है ।
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Team Bbnews29 : Click Here