IAS success story भेड़ पालक का बेटा बना आईएएस
IAS success story भेड़ पालक का बेटा बना आईएएस, IAS success story of Birdev dhone
“सफलता परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती” इस उक्ति को चरितार्थ किया महाराष्ट्र के बीरदेव दोनी ने ।
बीरदेव दोनी रोज की तरह अपने पिताजी के साथ भेड़ बकरियां चरा रहे थे, तब गाँव के दोस्त उनके पास पहुँचे और बताया कि आप आईएएस बन गए है।
IAS success story : कौन है बीरदेव दोनी
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के यमागे गाँव मे जन्मे बीरदेव दोनी के पिता गडरिये का काम करते है। बीरदेव दोनी खुद भेड़ बकरियों को चराते हैं । यह उनका यूपीएससी में तीसरा अटेम्प्ट था।
यूपीएससी ने सिविल सर्विस एग्जाम 2024 का फाइनल रिजल्ट पिछले हफ्ते जारी किया था। इस बार कुल 1009 कैंडिडेट्स को सेलेक्ट किया गया है।
सिलेक्टेड कैंडिडेट्स में कई ऐसे हैं जिनकी कहानियां न सिर्फ एग्जाम एक्सपीरियंस बल्कि जीवन में परेशानियों से जूझ रहे हर इंसान के लिए एक मिसाल है इन्हीं में से एक है बीरदेव दोनी।
IAS success story गडरिये के बेटे ने क्रैक किया सिविल सर्विस एग्जाम
परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था इसलिए वीर देव को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वीर देव ने कॉलेज आफ इंजीनियरिंग पुणे से पढ़ाई की।
और अब तीसरी अटेम्प्ट में यूपीएससी का एग्जाम क्लियर किया अपनी सफलता का क्रेडिट अपने बड़े भाई को देते हुए बीरदेव कहते हैं _मेरे भैया पुलिस फोर्स जॉइन करना चाहते थे लेकिन घर में पैसों की कमी थी ऐसे में सबसे पहले आर्मी में नौकरी लगी तो वही ज्वाइन कर ली। अब वह आर्मी में नाइक के पद पर हैं। उन्होंने हर समय मेरा मार्गदर्शन किया।
बीरदेव बताते हैं कि कॉलेज के फर्स्ट ईयर से ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला कर लिया था। इस दौरान डिक्शनरी और ऑनलाइन क्लासेज के जरिए अपनी इंग्लिश सुधारने पर भी काफी काम किया।
पिता पंचर बनाते है, बेटे ने क्रैक किया यूपीएससी
उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के रहने वाले इकबाल अहमद ने यूपीएससी 2024 में 998 वीं रैंक हासिल की है। इकबाल के पिता मोहम्मद अहमद साइकिल में पंचर बनाने का काम करते हैं।
लेकिन पिछले दो सालों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते दुकान बंद करनी पड़ी। इकबाल अहमद के परिवार की बात करें तो वे तीन भाई और दो बहने है।
उनके एक भाई पेंटर का काम करते हैं। इकबाल ने प्राइमरी एजुकेशन मेहदावल से पूरी की और उसके बाद हायर एजुकेशन के लिए गोरखपुर चले गए।
वर्तमान में इकबाल बस्ती जिले में श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पद पर पहले से तैनात है।
लेबर पिता का बेटा बना IAS
उत्तर प्रदेश के ही शाहजहांपुर के तिलहर कस्बे के रहने वाले शकील अहमद ने यूपीएससी में 506 वीं रैंक हासिल की है। जल्द ही सिविल सर्विस ऑफिसर बनने वाले शकील के पिता किसी समय पर घर परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी किया करते थे।
हाजी तसब्बर हुसैन के 6 बेटे और तीन बेटियां हैं। बड़ा परिवार होने के चलते तसब्बर कभी पॉटरगंज मंडी में पल्लेदारी किया करते थे।
शकील के भाई सागर ने बताया कि पूरे परिवार का सपना था कि उन लोगों में से कोई एक पढ़ लिख कर बड़ा मुकाम हासिल कर ले।
सभी भाई बहन ने पढ़ाई तो की, लेकिन सबसे होशियार शकील ही था। इसी वजह से उसकी पढ़ाई कराने में सभी ने पूरी ताकत लगा दी थी।
कक्षा 8 तक की पढ़ाई शकील ने तिलहर के कैंब्रिज स्कूल से की। इसके बाद नवीं और दसवीं की पढ़ाई शाहजहांपुर के तक्षशिला पब्लिक स्कूल से की।
अलीगढ़ में रहकर 12वीं की परीक्षा पास की। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीटेक करने के बाद शकील दिल्ली चले गए।
शकील ने जामिया कैंपस में रहकर यूपीएससी की तैयारी की और उन्हें चौथे अटेम्प्ट में सफलता मिली। दो बार मेंस और एक बार इंटरव्यू में फेल होने के बावजूद शकील ने हार नहीं मानी।
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