Gramodhyog Vikas Yojana, eligibility criteria
गांवों में छोटा उद्योग शुरू करने हेतु दो लाख के फ्री उपकरण दिए जाएंगे
Gramodhyog Vikas Yojana, eligibility criteria
जयपुर , 19 नवंबर
युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए केंद्र सरकार उपकरण और मशीनरी के साथ साथ अपने अपने काम की ट्रेनिंग भी देगी ।
क्या है ग्रामोद्योग विकास योजना
ग्रामोद्योग विकास योजना ( जीवीवाई ) को केंद्र सरकार ने 2020 में लॉन्च किया था । यह पहल खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा जारी की गई है ।
उद्देश्य : इसका उद्देश्य सामान्य सुविधाओं, तकनीकी आधुनिकीकरण , प्रशिक्षण आदि के माध्यम से ग्राम उद्योगों को बढ़ावा देना और विकसित करना है ।
सम्मिलित गतिविधियां :
- कृषि आधारित एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र
- खनिज आधारित उद्योग
- कल्याण एवं सौंदर्य प्रसाधन उद्योग
- हस्त निर्मित कागज , चमड़ा और प्लास्टिक उद्योग
- ग्रामीण इंजीनियरिंग और नई प्रोद्योगिकी उद्योग
- सेवा उद्योग
अवयव :
अनुसंधान एवं विकास तथा उत्पाद इनोवेशन: R&D सहायता उन संस्थाओं को दी जाती है जो उत्पाद विकास , न्यू इनोवेशन, डिजाइन डेवलपमेंट आदि करना चाहती है ।
क्षमता निर्माण : मानव संसाधन विकास और कौशल प्रशिक्षण द्वारा कर्मचारियों ओर कारीगरों का क्षमता निर्माण करना ।
मार्केटिंग और प्रचार : गांवों की संस्थाएं उत्पाद सूची , उद्योग डायरेक्टरी , बाजार अनुसंधान , न्यू मार्केटिंग तकनीकी , प्रदर्शनियों का आयोजन आदि द्वारा बाजार समर्थन प्राप्त करती है ।
अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र का योगदान
रोजगार सृजन : ग्रामीण उद्योग श्रम प्रधान होते है जो इन क्षेत्रों में रोजगार के भरपूर अवसर प्रदान करते है । ये ग्रामीण आबादी के बीच बेरोजगारी दूर करने में सहायक हैं।
ग्रामीण विकास : ये उद्योग गांवों के समग्र विकास में योगदान देते है । गांवों में लघु उद्योग स्थापित करके स्थानीय स्तर पर बाजार निर्माण , शहरी क्षेत्रों में पलायन रोकने और शहरी आबादी के जमावड़े को रोकने में मदद करते है ।
गरीबी उन्मूलन : ग्रामीण क्षेत्रों में आय उत्पन्न करके आजीविका प्रदान करते है जो अंततः गरीबी को कम करता है । उद्यमशीलता और स्वरोजगार को बढ़ावा मिलने से लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाती है ।
स्थानीय संसाधनों का कुशल उपयोग: ग्रामीण क्षेत्रों में ही उपलब्ध कच्चे माल का उपयोग करते है , जिससे सतत विकास को बढ़ावा मिलता है ।
गांवों को निर्यात हब बनाना: कई ग्राम उद्योग पारंपरिक हस्तशिल्प , हथकरघा , ओर अन्य उत्पाद बनाते है जिनकी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उच्च मांग होती है , अतः गांव अंतरराज्य और अंतर्राष्ट्रीय निर्यात का केंद्र बन सकते है ।
कैसे मिलेगा फायदा
लोगो को इसका फायदा उठाने हेतु केंद्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। प्राप्त आवेदनों में से सही पाए गए प्रोजेक्ट धारक को ट्रेनिंग दी जाएगी ।
इसके बाद सरकार इनको मशीनरी और टूल किट वितरित करेगी ।
क्या फायदा देगी सरकार :
कारीगरों को उपकरणों की लागत की कुछ राशि जमा करानी होगी बाकी का पैसा केंद्र सरकार देगी । SC/ ST वर्ग के आवेदकों को लागत का केवल 10 % पैसा ही देना है ( यदि एक लाख के उपकरण खरीदे तो इनको दस हजार ₹ ही देने है बाकी पैसा सरकार देगी)
इसी प्रकार सामान्य, EWS, OBC व अन्य वर्ग को लागत की 20 % राशि देनी होगी बाकी पैसा केंद्र सरकार वहन करेगी।
जबकि बीपीएल कार्ड धारकों को उपकरण खरीदने के सारे पैसे केंद्र सरकार देगी अर्थात उन्हें ये उपकरण मुफ्त में मिलेंगे ।
कौन उठा सकते है फायदा :
इसमें कुंभकार , कारीगर , पेंटर , खिलौने बनाने वाले ,प्लंबर , इलेक्ट्रिशियन , दर्जी , मधुमक्खी पालन आदि श्रेणी के मजदूर एवं कारीगर शामिल है ।
इसमें 18 से 55 साल का कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है जिसे इस योजना का फायदा मिलेगा ।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति का पढ़ा लिखा होना कोई जरूरी नहीं है । आवेदन करने के बाद आपके नजदीकी सेंटर पर ट्रेनिंग दी जाएगी ।
दस लाख तक ऋण ले सकेंगे
इस योजना से शुरू किए गए छोटे धंधे को बड़ा बनाने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत दस लाख तक का ऋण भी ले सकेंगे ।
इस लोन में भी सरकार की तरफ से 25 से 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी।
मानदंडों के अनुसार यदि लोन समय पर पूरा भर दिया तो बाद में 50 लाख तक के लोन की सुविधा का भी फायदा भी उठा सकते है ।
इस योजना में जल्दी से आवेदन कर आप भी फायदा उठा सकते है ।
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