Farmer’s protest about Jawai Dam
जालोर, 28 नवम्बर
पश्चिमी राजस्थान के अमृत सरोवर के नाम से प्रसिद्ध जवाई बांध के पानी के बंटवारे को लेकर किसान आंदोलन कर रहे है ।
सैकड़ों गांवों के किसान कड़कड़ाती ठंड में मंगलवार रात से जालोर कलेक्ट्रेट के सामने जुटना शुरू हो गए थे।
किसानों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट ऑफिस का घेराव किया तो पुलिस के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की ।
पुलिस और किसानों में हल्की फुल्की झड़प भी हुई लेकिन को बड़ा टकराव देखने को नहीं मिला ।
बाद में किसानों ने जोधपुर – बाड़मेर नेशनल हाइवे 325 को बंद कर प्रदर्शन किया ओर वहां से आने वाली रोडवेज बसों को रोक दिया।
किसान क्यों बैठे है धरने पर
जालोर में जवाई बांध के पानी पर जालोर क्षेत्र का एक तिहाई हिस्सा तय करने , किसानों को समय पर बीमा क्लेम दिलाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के आह्वान पर दस दिन पहले महापड़ाव शुरू किया था।
इसके समर्थन में बुधवार को 300 गांवों के हजारों किसान जालोर पहुंचे ।
किसान चाहते है कि जवाई का पानी नदी में छोड़ा जाए ताकि जालोर का भू जल स्तर सुधरे और किसानों को पानी की किल्लत नहीं हो।
जवाई नदी जल बंटवारे को लेकर एक समझौता भी हो चुका है , सरकार उसे लागू करे ।
जवाई के पानी को नहर बनाकर जोधपुर ले जाने के प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाई गई है जो कतई स्वीकार नहीं है ।
जोधपुर – जवाई कैनाल प्रोजेक्ट तुरंत रद्द होना चाहिए ।
ऊपर लिखित मांगे नहीं माने जाने तक किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है । उन्होंने कहा इस बार बिना समझौते महापड़ाव नहीं उठेगा चाहे कुछ भी हो जाए ।
दस दिन से जारी है आंदोलन
भारतीय किसान संघ और जालोर संयुक्त किसान संघ के आह्वान पर किसान लगातार दस दिन से जालोर में आंदोलनरत है ।
कलेक्ट्रेट ऑफिस को घेरने व हाइवे को जाम करने के बावजूद सरकार की तरफ से बातचीत का कार्यक्रम भी तय नहीं हुआ है ।
किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है ।
आक्रोशित किसान कल दोपहर 12 बजे ट्रैक्टर लेकर पोलजी नगर स्थित विधायक और मुख्य सचेतक जागेश्वर गर्ग के आवास पर पहुंच गए ।
वहां नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया । किसानों ने ट्रैक्टर और ट्रॉली रस्ते पर लगाकर गर्ग को घर में नजरबंद कर दिया ।
बाद में पता चला कि गर्ग घर में नहीं है , वो तो जयपुर ही है तब किसान वहां से हट गए ।
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