Gurunanak Jayanti Special, what connection with spiritual lok Devta
आज कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती दोनों त्यौहार है । हिन्दू और सिख धर्म अपनी अपनी आस्था के अनुसार आज का दिन सेलीब्रेट कर रहे है । आज के हमारे न्यूज एपिसोड में जानेंगे कि गुरु नानक का राजस्थान से क्या कनेक्शन रहा है ।
जोधपुर में गुरु नानक ने दिए प्रवचन और रामदेवजी को नवाजा रामसा पीर की उपाधि से
बहुत कम लोग जानते है कि गुरु नानक ने राजस्थान के जोधपुर में भी प्रवचन दिए थे।
बहुत कम लोग जानते है कि गुरु नानक 1510 में राजस्थान की यात्रा पर आए थे । इन्होंने बीकानेर , पुष्कर , चित्तौड़ , पोकरण और जोधपुर की यात्रा की थी ।
इन्होंने जोधपुर और माउंट आबू में प्रवचन दिए थे । इन्होंने महीने भर तक अपने शिष्यों के साथ राजस्थान में पड़ाव डाला था । इनके साथ ईरान से आए पांच करामाती पीर भी राजस्थान आए थे जिनकी बाबा रामदेव से मुलाकात हुई थी । तब इन पिरो ने रामदेवजी को “पीरो का पीर” बताया था और गुरु नानक ने “रामसा पीर” की उपाधि दी थी।
राजस्थान की यात्रा के दौरान जब गुरु नानक ने बाबा रामदेव जी के चमत्कारों के बारे में सुना तो पोकरण जाकर उनकी परीक्षा लेने की ठानी ।
पांचों पीरो सहित नानक देव पोकरण पहुंचे और रामदेव जी की परीक्षा ली तो ये हतप्रभ रह गए । पांचों पीरो ने रामदेव जी के चरणों में सिर झुकाया और कहा “थे तो पीरो रा पीर ” और वो पांचों रामदेव जी के शिष्य बन गए । तब गुरु नानक ने रामदेव जी को रामसा पीर की उपाधि दी।
सेवादार चरणजीत छाबड़ा ने बताया पूरा विवरण
चरणजीत को गुरु ग्रन्थ साहब में जोधपुर शब्द का विवरण मिला तो उन्होंने इसकी खोज की और पहुंच गए मेहरानगढ़ ट्रस्ट की इंटेक लाइब्रेरी । यहां आने पर पता चला शेरशाह सूरी ने सारे कागजात नष्ट कर दिए थे ।
इनको निराशा हाथ लगी पर वे रुके नहीं और पहुंच गए बीकानेर । बीकानेर के जैन ग्रंथों में स्पष्ट लिखा था कि नानक देव बीकानेर सहित पोकरण और जोधपुर की यात्रा की थी ।
आज कार्तिक पूर्णिमा को पुष्कर में सजेगा मेला
आज देव दीपावली पर संपूर्ण देश में कार्यक्रमों का आयोजन होगा । कार्तिक पूर्णिमा पर अजमेर के पुष्कर में आज मेले का आयोजन होगा ।
पुष्कर में धार्मिक मेले का आयोजन हो रहा है । हिन्दू धर्म में पुष्कर का बहुत महत्व है । चारों धाम के बाद पुष्कर सबसे पवित्र स्थल माना जाता है , पुष्कर को हिन्दू धर्म का पांचवां धाम कहा जाता है ।
आज से करीब 15 दिन पहले पुष्कर में पशु मेला शुरू हुआ था आज खत्म होगा । देश भर से अच्छी नस्ल के पशु यहां आते है ।
इस वर्ष 5 करोड़ की कीमत का घोड़ा मेले में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है । यह घोड़ा पंजाब से यहां लाया गया है । और दावा किया जा रहा है कि भारत का सबसे ऊंचा घोड़ा है ।
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