Misbehave with akhil bhartiya Vishnoi mahasabha president budiya
नई दिल्ली , 11 नवंबर
अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूडीया के साथ दिल्ली की एक होटल में दुर्व्यवहार हुआ ।
देवेंद्र जी ने स्वयं फेसबुक लाइव पर आकर कहा कि उनके साथ दिल्ली में बीजेपी के एक नेता ने बहुत बुरा बर्ताव किया ।
लाइव पर क्या जानकारी दी
फेसबुक लाइव पर बुड़ीया ने बताया कि वो आज दिल्ली गए हुए थे । जहां बीजेपी के एक नेता रणधीर परिहार ने उन्हें मिलने हेतु एक होटल में बुलाया । जब वे होटल पहुंचे तो उनसे महासभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा मांगा गया।
बुड़ीया ने कहा कि आप कौन होते हो मेरे से बिश्नोई समाज के पद से इस्तीफा मांगने वाले । क्योंकि रणधीर स्वयं प्रजापत समाज से बिलोंग करते है । जब बुडीया ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से मना कर दिया तो उन्हें धमकाया गया । जब धमकी का असर नहीं हुआ तो उनके साथ मारपीट की गई ।
जैसे तैसे बच करके देवेंद्र जी उस होटल से निकले और यह आपबीती फेसबुक लाइव के जरिए अपने शुभचिंतकों के साथ साझा की।
क्या कुलदीप विश्नोई के इशारे पर हुआ यह सब
देवेंद्र को विश्नोई समाज के स्वयंभू संरक्षक कुलदीप विश्नोई का पूरा समर्थन हासिल था । कुलदीप की छत्र छाया में ही देवेंद्र अध्यक्ष पद का कार्य कर रहे थे ।
दिल्ली में यदि देवेंद्र जी के साथ कुछ अनहोनी हो और वो भी कुलदीप के नजदीकी नेता रणधीर द्वारा किसी घटनाक्रम को अंजाम दिया जाए, यह कुलदीप की सहमति के बिना हो ही नहीं सकता।
कुलदीप देवेंद्र बूडीया को हटाकर किसी अन्य को बनाना चाहते है अध्यक्ष
सूत्रों के हवाले से यह खबर निकल कर आ रही है कि कुलदीप अब अध्यक्ष पद पर किसी अन्य को देखना चाहते है । क्योंकि अध्यक्ष पद पर रहते हुए बुड़ियां काफी लोकप्रिय हो गए थे।
देवेंद्र की लोकप्रियता कुलदीप को रास नहीं आई और उन्होंने अपने सबसे नजदीकी व्यक्ति रणधीर परिहार को देवेंद्र से मिलने भेजा ओर इस्तीफा मांगा।
लेकिन देवेंद्र ने किसी अन्य समाज के व्यक्ति द्वारा अपना इस्तीफा मांगने की घटना को अपने स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला समझा और रणधीर को इस्तीफा देने से सख्त मना कर दिया।
बाद में रणधीर गाली गलोज और मारपीट पर उतारू हो गया लेकिन बुडिया उसके आगे नहीं झुके ।
फेसबुक लाइव के माध्यम से समाज का समर्थन मांगा
अखिल भारतीय विश्नोई महासभा की कार्यकारिणी के गठन हेतु होने वाले चुनावों पर कोर्ट के माध्यम से रोक लगी हुई है ।
महासभा के एक नियम का हवाला देते हुए कुलदीप ही अध्यक्ष पद पर किसी समाज के व्यक्ति को मनोनीत करते है और वह कुलदीप के इशारों पर ही कार्य करता है।
देवेंद्र और कुलदीप जी की भी आपस में गहरी मित्रता रही है और कुलदीप के लड़के द्वारा अन्य समाज की महिला से शादी कर लेने के मसले पर बुडीया ने इनका खुला सपोर्ट किया था और समाज में फैली नाराजगी को अपने स्तर से कम करने का प्रयास किया था।
लेकिन समाज में कार्य करने की अपनी शैली और ईमानदार कार्यकर्ता की छवि के दम पर देवेंद्र ने शीघ्र ही समाज में लोकप्रियता हासिल कर ली।
यही लोकप्रियता कुलदीप को नागवार गुजरी और उनसे इस्तीफा मांगा गया ।
कल करेंगे पूरी बात का खुलासा
देवेंद्र ने फेसबुक लाइव में बताया कि वो कल इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा करेंगे और उनके साथ यह बदतमीजी किसके इशारों पर ओर क्यों कि गई का समाज के सामने पर्दाफाश करेंगे।
इस मामले की अधिक जानकारी हेतु हमारी वेबसाइट को फॉलो करें : Click Here