Indu band project launched today: जोधपुर से आज पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर “इंदु बैंड” लॉन्च किया गया।
क्या है इंदु बैंड
बिछड़ो को अपनो से मिलाने के महत्वाकांक्षी इंदु बैंड पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ आज जोधपुर के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अशोक माथुर ,हाईकोर्ट के जज फरजंद अली एवम जयपुर फुट के चेयरमैन प्रेम भंडारी ने यह बेल्ट जारी किया।
जयपुर फुट के चेयरमैन प्रेम भंडारी का ड्रीम प्रोजेक्ट
भंडारी ने मायड़ भाषा में इंदु बेल्ट के बारे में जानकारी दी।उन्होंने बताया कि शुरुआत में यह बेल्ट भूलने की बीमारी से ग्रसित लोगो को बांधा जाएगा।
नारंगी रंग के इस बेल्ट पर उनका नाम, पता, पता एवं मोबाइल नंबर लिखे होंगे।इससे अगर वे दुर्भाग्यवश भटक भी जाते है तो बेल्ट से उनकी पहचान कर उन्हें वापस घर भेजने में मदद मिलेगी।
बैंड बनाने का आइडिया कहां से आया
भंडारी ने बताया कि काशी विश्वनाथ के दर्शन करने गई मां वाराणसी से मुगलसराय तक 9 दिन भटकती रही। जब अमेरिका से उन्हें ढूंढने आए बेटे शशि शंकर को मिली तो मां बोली में तो बस टहल रही थी क्योंकि उन्हें भूलने की बीमारी ( डिमेंशिया ) थी।इसलिए वे सब कुछ भूल चुकी थी,उन्हें यह भी याद नहीं था की वो भारत घूमने आई है।
प्रेम भंडारी को इसी इंदु देवी की कहानी से यह बैंड बनाने का आइडिया आया।अब अनेक संस्थाएं इस हेतु आगे आ रही है
इसे और कहां उपयोग लिया जा सकता है
इस बेल्ट में चिप भी डाली जा सकती है और इसे छोटे बच्चो को बांधने का भी विचार है ताकि वे गुम नही हो।
लोगो ने इस प्रोपकार के कार्य हेतु आगे आने पर प्रेम भंडारी और अन्य संस्थाओं का आभार प्रकट किया।