Innovative approach of Badmer collector
बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी के एक नवाचार की आज प्रदेश भर में प्रशंसा हो रही है। मंत्री केके विश्नोई इस नवाचार से इतने प्रभावित हुए कि इन्होंने इसे तुरंत संपूर्ण राजस्थान में लागू करने के बात कह दी।
क्या है नवाचार (नवो बाड़मेर)
बाड़मेर में 1 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक जिला प्रशासन ने “नवो बाड़मेर ” अभियान चलाया।
इसके तहत दिव्यांग जनों के लिए एक विशेष कैंप लगाया गया था। कैंप में पात्र लोगों को सरकारी स्कीम से जोड़ा गया।
जिस तरह से चुनाव के वक्त एक पोलिंग बूथ की ऑडिट होती है कि बूथ दिव्यांग फ्रेंडली है या नहीं ,ठीक उसी तर्ज पर बाड़मेर के सभी सरकारी ऑफिस का ऑडिट करवाया गया।
इस कैंप में करीब 7 हजार दिव्यांगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया।
मंत्री केके विश्नोई हुए प्रभावित
कैंप के समापन पर पहुंचे मंत्री जी ने कहा कि दिव्यांगों को कैंप लगाकर सरकारी स्कीम से जोड़ा गया है । यह नवाचार सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के निर्देशन में हुआ है ।
मंत्री जी ने कहा कि बाड़मेर में दिव्यांगों के कैंप लगाने वाला मॉडल अब पूरे प्रदेश में लागू होगा ।
इस कैंप में मेडिकल बोर्ड से डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट जारी किए गए , ताकि दिव्यांगों को अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़े।
कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि मंत्री जी ने इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने की बात कही है जो हमारे लिए गर्व और खुशी की बात है ।
कलेक्टर ने बताया कि पहले दिव्यांगों को अस्पतालों में मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होकर अपनी दिव्यांगतता की कैटिगरी का प्रमाण देना होता था।
अब हमने मेडिकल बोर्ड को ही कैंप स्थल पर भेज कर यह काम करवा लिया जिससे दिव्यांग जनों का समय ओर प्रयास की बचत हुई।
दिव्यांग जनों को उपकरण भी बांटे
दिव्यांगों को किन उपकरणों की जरूरत है उस हिसाब से चिन्हित किया गया फिर उपकरण बांटे गए।
बाड़मेर जिले के लिए 24.5 लाख की स्पेशल वित्तीय स्वीकृति जारी हुई थी , इन्हीं पैसों से ये सारे उपकरण खरीदे गए है।
दिव्यांग जनों को 130 ट्राई साइकिल , 60 व्हील चेयर , 50 छड़ी , 100 श्रवण यंत्र , 100 बैसाखी वितरित की गई।
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