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First class admission age मे छुट

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First class admission age मे छुट, age relaxation for first class admission age

नई शिक्षा नीति के तहत राज्य सरकारों ने First class admission age  को लेकर शिक्षा विभाग के तहत बड़ा निर्णय लिया है। अब राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा प्रथम में दाखिला लेने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष तय की गई है ।

यह निर्णय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप लिया गया है जिसके तहत पूरे देश में पहली कक्षा में दाखिला के लिए यही आयु तय की गई है , हालांकि प्रदेश सरकार ने 6 माह की अतिरिक्त छूट भी दी है ताकि बच्चों का पूरा साल खराब ना हो ।

1 अप्रैल को 6 वर्ष आयु जरूरी

शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी ताजा निर्देशो के अनुसार जिन बच्चों की आयु 1 अप्रैल तक 6 वर्ष पूरी हो जाती है, वही प्रथम कक्षा में दाखिले के लिए पात्र होगा ।

लेकिन अगर कोई बच्चा इस तारीख तक 6 साल का नहीं हो पता है तो उसके लिए भी राज्य सरकार ने राहत प्रदान की है। ऐसे बच्चों को 30 सितंबर तक उम्र पूरी करने की शर्त पर दाखिला मिल सकता है ।

First class admission age मे छुट

यानी बच्चों की आयु 30 सितंबर तक 6 साल होनी चाहिए या यूं कहें कि इस आयु सीमा में 6 महीने की सरकार ने छूट प्रदान कर दी है ।

इस छूट से हजारों अभिभावकों को राहत मिलेगी जिन्हें डर था कि उनके बच्चों का पूरा सत्र बर्बाद हो सकता है ।

पूर्व प्राथमिक कक्षा से स्तरोन्न्त होने वाले बच्चों को first class admission age में छूट का लाभ मिलेगा

शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो बच्चे पहले से ही किसी स्कूल में प्री प्राइमरी कक्षा में पढ़ रहे हैं और 1 अप्रैल 2025 तक 6 साल की उम्र पूरी नहीं कर पा रहे हैं उन्हें स्तरोन्न्त करके पहली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाएगा ।

इन बच्चों को पूरे शैक्षणिक वर्ष के लिए पीछे नहीं किया जाएगा बल्कि विस्तारित आयु सीमा के तहत उनका प्रमोशन जारी रहेगा इससे यह सुनिश्चित होगा कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो ।

नई शिक्षा नीति मे एडमीशन का क्या प्रावधान है

नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों को पहली कक्षा में भेजने से पहले उसे 3 साल की प्री स्कूलिंग यानी प्ले, नर्सरी और केजी मिलनी चाहिए ।

इससे बच्चों की सोचने समझने की क्षमता बेहतर बनती है और वह औपचारिक शिक्षा के लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाता है ।

इसलिए 6 साल की उम्र को पहली कक्षा के लिए मानसिक और व्यावहारिक रूप से उपयुक्त माना गया है ।

माता पिता के लिए जरूरी सावधानी जो रखना अनिवार्य है

नई शिक्षा नीति के तहत नई आयु सीमा के लिए बच्चे की जन्म तिथि का प्रमाण पत्र दाखिले के समय अनिवार्य रूप से देना होगा ।

  • अगर बच्चे की उम्र 1 अप्रैल 2025 तक 6 साल पूरी हो रही है तो दाखिले में कोई अड़चन नहीं आएगी।
  • अगर उम्र पूरी नहीं हो रही है तो यह देखना होगा कि क्या 30 सितंबर तक बच्चे की आयु 6 साल पूरी हो रही है या नहीं ।
  • जिन बच्चों की जन्म तिथि 1 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच की है वह छूट के दायरे में आएंगे ।
स्कूलों को भी मिले निर्देश

शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह दाखिले के समय आयु प्रमाण पत्र की जांच अच्छे से करें और नियमों के अनुसार ही बच्चों को प्रवेश दें ।

कोई भी स्कूल आयु सीमा से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश नहीं दे अगर कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसे पर कार्यवाही की जाएगी ।

कुल मिलाकर सारांश यह है कि 1 अप्रैल 2025 तक 6 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं करने वाले बच्चों को 6 महीने की अतिरिक्त छूट प्रदान की है ।

अब 30 सितंबर तक 6 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बच्चे को भी प्रथम कक्षा मे प्रवेश दिया जा सकता है ।

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