Trisha Khan को झूठे रेप केस मामले मे सजा
Trisha Khan को झूठे रेप केस मामले मे सजा, Trisha Khan sentenced in false rape case
भारतीय कानून हमेशा महिलाओं के मामले मे शुरू से थोड़ा पक्षपाती रहा है । किसी व्यक्ती पर रेप और छेड़छाड़ का मुक़दमा दर्ज होने पर अपनी बेगुनाही उसी व्यक्ती को साबित करनी पड़ती है ।
लड़कियों के मुकदमा दर्ज करने के बाद कानून यह साबित करने मे लग जाता है कि गलती लड़कों की ही होगी ।
लेकिन कल देश की शीर्ष कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया और झूठे रेप और छेड़छाड़ के केस मे लड़कों को फंसाने वालीं एक लड़की को जेल भेजने का ऑर्डर दे दिया ।
अपनी इज्जत बनाने मे व्यक्ती को पूरी जिंदगी लग जाती है जबकि उसके बिखरने मे एक पल ही काफी है
Trisha Khan के मामले मे भी यही हुआ । इज्जतदार 13 लड़कों की इज्जत तृषा खान ने केवल एक झूठ से मिट्टी मे मिला दी ।
भले ही कोर्ट ने झूठे मामले मे व्यक्ती को बरी कर दिया हो लेकिन इस दौरान जिस मानसिक अवसाद और सामाजिक उत्पीड़न से व्यक्ती गुजरा है उसकी भरपाई ताउम्र नहीं की जा सकती ।
इसलिए कोर्ट ने आदेश दिया कि इस मुकदमें की फाइल जूडिशल मजिस्ट्रेट को भेजी जाय और कोर्ट के सामने झूठी गवाही देने का मुकदमा लड़की पर दर्ज किया जाए।
साथ ही यह भी तय किया जाना चाहिए कि लड़की को उतनी ही सजा मिले जितनी उस व्यक्ती को हो सकती थी, जिसे लड़की ने झूठी गवाही के जरिए आरोपी बनाया ।
एडिशनल सेशन जज अनुज अग्रवाल का फैसला
यह फैसला 4 अप्रैल 2025 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के जज अनुज अग्रवाल ने दिया । माननीय जज यह फैसला देते हुए संदीप दहिया को रेप के आरोपों से बरी कर देते है।
सोनीपत के निवासी संदीप दिल्ली मे काम करते है । 24 नवंबर 2019 को दिल्ली के नबी करीम थाने मे उनके खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज हुआ था ।
105 दिन की जेल और 6 साल के मुकदमे के बाद वे बरी हुए, कोर्ट का यह फैसला भविष्य मे एक नज़ीर बनेगा ।
जब इस केस की जांच शुरू हुई तब आरोप लगाने वाली लड़की का जो क्रिमिनल बैकग्राउंड सामने आया, वह बेहद चौंकाने वाला था । लड़की का नाम Trisha Khan है उसने 7 नाम बदले और पांच फेसबुक आईडी बनाई । उसने अलग-अलग थानों में 10 लोगों के खिलाफ झूठा रेप केस और तीन लोगों पर छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया।
Trisha Khan ने कैसे फंसाया संदीप को
संदीप ने बताया कि एक दिन Facebook पर मैसेज आया और मे फंस गया । संदीप बताते है कि यह 20 नवंबर 2019 की बात है ।
Facebook पर मैसेज आया hi, मैंने रिप्लाई किया हैलो ।ये मैसेज तृषा राठौर की प्रोफाइल से आया था । Facebook पर यह मेरी फ्रेंड नहीं थी और ना ही मुझे फ्रेंड request भेजी गई थी, सीधा मैसेज आया ।
हमने फोन नंबर एक्सचेंज किए और बातों का सिलसिला शुरू हो गया । वो 4 दिन बाद जयपुर से दिल्ली आयी और मिलने बुलाया तथा मस्ती करने का लालच दिया ।
बाद मे उसने कहा मेरे संपर्क मे मध्यप्रदेश के बड़े बड़े अफसर है और मुझे धमकाने लग गयी । मैंने पूछा आप चाहती क्या हो? उसने कहा मुझे वापस रेल्वे स्टेशन के चलो।
मै उसे वापस स्टेशन ले गया और रिटर्न टिकिट बुक कारवाया । ट्रेन अगले दिन सुबह थी इसलिए रात को रुकने के लिए होटल बुक कारवाया।
उसने मेरा फोन भी ले लिया । सुबह जब हम उसे स्टेशन छोड़ने गए तो उसने टिकट दिखाने को कहा, मैंने उसे टिकट दिया और अपना फोन माँगा।
वो सीधे जाकर टीटी के पास बैठ गयी और कहने लगी, इस लड़के ने मेरा रेप किया है । उसने 7 बार 100 नंबर पर कॉल लगाया।
दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार _
इस बीच रेल्वे पुलिस आ गयी और मुझे दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया । 24 नवंबर को मुझ पर रेप का केस हुआ और मुझे जेल भेज दिया गया ।
मैंने किसी भी तरह पुलिस के जरिए मेरा फोन वापस लिया और घर वालों को खबर की। घर वाले भी आए लेकिन रेप जैसा संवेदनशील मामला था तो पुलिस ने एक भी नहीं सुनी।
संदीप आगे बताते है कि मैं जेल मे ही था और वो लड़की 27 नवंबर को मेरे घर पहुंच गयी। उसने मेरी माँ से कहा ऐसे केसेस मे 5_7 लाख रुपये लगते है, मुझे पैसे दे दो मैं कोर्ट मे आपके लड़के के पक्ष मे ब्यान दे दूँगी।
तब वो छुट जाएगा । अच्छी बात यह रही को उस दौरान मेरा एक दोस्त भी वहां मोजूद था। दोस्त ने चुपचाप इस पूरी बातचीत का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया ।
वर्षों की कमाई इज्जत मिट्टी मे मिली, गाँव मे लोग परिवार को गलत नज़र से देख रहे
संदीप बताते है, मेरी नौकरी छूट गई । दिल्ली छोड़कर गाँव आकर रहना प़डा। रेप के आरोप मे जेल जाकर आया था, मुकदमा चल रहा था।
इस झूठे केस मे परिवार की सालों से कमाई इज्जत को मिट्टी मे मिला दिया । इन 6 सालों मे ना जाने लोगों ने मेरी ओर परिवार की कितनी बाते बनाई ।
अब मैं बरी हो गया हू लेकिन इसकी खबर धीरे धीरे फैलेगी। एक एक व्यक्ती को बता नहीं सकते कि मैं निर्दोष था । मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से जो नुक़सान हुआ है इसकी भरपाई ताउम्र नहीं हो सकती।
कोर्ट ने कैसे किया लड़की का भंडाफोड़
संदीप के वकील नीतेश धनखड़ बताते है _ नवंबर 2019 मे केस हुआ । 2020 की शुरुआत मे पुलिस ने जांच शुरू की ओर सबूत जुटाने शुरू किए।
संदीप को मार्च मे ज़मानत मिल गयी। इसके बाद कोर्ट मे गवाही का सिलसिला शुरू हुआ। करीब 11_12 गवाही हुई ।
सारे गवाहों और सबूतों की रिपोर्ट बनाने के बाद कोर्ट ने लड़की को गवाही के लिए एक बार और बुलाया लेकिन वो हाजिर नहीं हुई ।
2022 के आसपास पुलिस ने लड़की का ब्लड सेंपल लेना चाहा तो पता चला कि लड़की किसी मामले मे जयपुर जेल मे है ।
जेल से छुटने के बाद लड़की दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट मे बयान देने हेतु उपस्थित हुई ।
लड़की की गवाही के दौरान संदीप ने कई बार लड़की को देखा तो पता चला उसके हाथ पर ब्लैड से कट का गहरा निशान था।
यहां से केस ने लिया मोड़ _
यहीं से केस ने नया मोड़ लिया क्यूंकि लड़की ने आत्महत्या का प्रयास किया था। और अगर ऐसा ही था तो किसी ना किसी थाने मे मुकदमा जरूर दर्ज हुआ होगा।
यहीं से लड़की के क्रिमिनल बैकग्राउंड का पता चला। संदीप के पक्ष के लोगों को जयपुर के वैशाली नगर थाने की एक प्रेस रिलीज हाथ लग गयी ।
जिसका टॉपिक था _ राह चलते लोगों से कार मे लिफ्ट लेकर छेड़छाड़ और रेप के झूठे केस मे फंसाने की धमकी देकर ठगी करने वालीं महिला ग़िरफ़्तार ।
उसी दिन पुलिस ने इस मामले की पूरी जाँच रिपोर्ट मीडिया से शेयर की। इस रिपोर्ट मे लिखा था _ जयपुर के एक महिला के छेड़छाड़ और रेप के एक दर्जन से ज्यादा झूठे केस दर्ज कराये गये ।
पुलिस ने इस रिपोर्ट मे सारे मुकदमों की लिस्ट भी लगाई ।लड़की ने अलग अलग थानों मे 10 पर रेप केस और 3 लोगों पर छेड़छाड़ का झूठा केस दर्ज कारवाया था ।
इस प्रकार तृषा खान की असलियत कोर्ट के सामने आयी और कोर्ट ने जेल भेजने का फैसला किया ।
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