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Jalore Jhalawar Green field Express way

बेहतर रोड कनेक्टिविटी से ग्रेनाइट इंडस्ट्री को लगेंगे पंख

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Jalore Jhalawar Green field Express way

जालोर , 2 दिसंबर

Jalore Jhalawar Green field Express way

आधुनिक समय में किसी भी क्षेत्र के विकास हेतु बेहतर रोड कनेक्टिविटी का होना बहुत जरूरी है ।

यदि बिजली , पानी और सड़क का आधारभूत ढांचा मजबूत है तो वह किसी क्षेत्र के लिए वरदान से कम नहीं है ।

जालोर एक ऐतिहासिक नगरी रहा है जो कान्हड़ देव की वीरता और जालोर दुर्ग के महत्व हेतु जाना जाता था ।

आजाद भारत में जालोर की पहचान एक ग्रेनाइट सिटी के रूप में स्थापित हुई है ।

लेकिन राजस्थान में यदि सड़को का सबसे कमजोर ढांचा कहीं है तो वह जालोर में है ।

Jalore Jhalawar Green field Express way

अब राजस्थान सरकार और भारत सरकार इस क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती । इसलिए 10 हजार करोड़ रुपए की लागत का एक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे इस वर्ष के बजट में जालोर को दिया गया है ।

जालोर _ झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे

जालोर झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के साथ ही आठ अन्य एक्सप्रेस वे की घोषणा इसी बजट में हुई थी जिनको डीपीआर लगभग बन कर तैयार हो चुकी है ।

एक्सप्रेस वे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट लगभग 18 माह में बनकर तैयार हो जाएगी ।

यदि सबकुछ प्लान के अनुसार हुआ तो आगामी दो साल में इस प्रोजेक्ट का कार्य धरातल पर नजर आने लगेगा ।

जालोर झालावाड़ एक्सप्रेस वे की अनुमानित कीमत लगभग 10 हजार करोड़ ₹ आंकी गई है ।

Jalore Jhalawar Green field Express way
नमूना फोटो

वित्त विभाग से स्वीकृति हेतु फाइल भेजी

इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने से पहले इसकी फाइल वित्त विभाग को भेजी जा चुकी है । इस फाइल में हाइवे की अनुमानित लागत और इसका अनुमानित रूट चार्ट सलंग्न किया हुआ है ।

यदि वित्त विभाग से समय पर इसकी स्वीकृति मिल जाती है तो बाद में इसकी डीपीआर बना कर जल्द कार्य शुरू किया जा सकेगा ।

जालोर में वर्तमान में बेहतर रोड कनेक्टिविटी का अभाव है । यहां एक्सप्रेस वे के नाम पर वर्तमान में केवल अमृतसर जामनगर एक्सप्रेसवे ही है , वो भी जालोर के थोड़े से हिस्से से गुजरता है लेकिन जिला मुख्यालय पर अभी तक कोई नेशनल हाइवे भी नहीं है

जालोर के पड़ोसी जिलों सिरोही , पाली और जोधपुर की कनेक्टिवीटी भी फिलहाल खस्ताहाल है ।

इसका बड़ा नुकसान जालोर के ग्रेनाइट इंडस्ट्री, अनार मंडी और अन्य फूड प्रोसेसिंग उद्योगों को उठाना पड़ रहा है ।

इस जिले में रेल कनेक्टिविटी तो है लेकिन कंटेनर डिपो नहीं होने के कारण ग्रेनाइट इंडस्ट्री को कोई फायदा नहीं हो रहा है ।

जालोर झालावाड़ एक्सप्रेस वे का रूट

जालोर _ झालावाड़ एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी जालोर जिला मुख्यालय के निकट अमृतसर जामनगर इकोनॉमिक कॉरिडोर से तो दूसरी तरफ झालावाड़ के निकट दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे तक प्रस्तावित है ।

यह रूट कुल 402 किलोमीटर लंबा होगा जिसकी एस्टिमेटेड कॉस्ट करीब दस हजार करोड़ रुपए होगी।

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